अंतःसà¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ तंतà¥à¤°à¤…ंत:सà¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ तंतà¥à¤°Â छोटे अंगों की à¤à¤• à¤à¤•ीकृत पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ है जिससे बाहà¥à¤¯à¤•ोशीय संकेतन अणà¥à¤“ं HARMONE का सà¥à¤°à¤¾à¤µ होता है। अंत:सà¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ तंतà¥à¤° शरीर के चयापचय, विकास, यौवन, ऊतक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ और चितà¥à¤¤ (मूड) के लिठउतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ है।

अनà¥à¤¤:शà¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¤¾
इन अंतःसà¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ गà¥à¤°à¤‚थियों को पहले à¤à¤•-दूसरे से पृथकॠसमà¤à¤¾ जाता था, किंतॠअब जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हà¥à¤† है कि ये सब à¤à¤•-दूसरे से संबदà¥à¤§ हैं और पीयूषिका गà¥à¤°à¤‚थि तथा मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• का मैलेमस à¤à¤¾à¤— उनका संबंध सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करते हैं। अतः MASHTISHK   ही अंतःसà¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ तंतà¥à¤° का केंदà¥à¤° है।
शरीर में निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित मà¥à¤–à¥à¤¯ अंतःसà¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ गà¥à¤°à¤‚थियाठहैं: पीयूषिका (पिटà¥à¤¯à¥‚टैरी), अधिवृकà¥à¤• (à¤à¤¡à¥à¤°à¥‹à¤¨à¤²), अवटà¥à¤•ा (थाइरॉइड), उपावटà¥à¤•ा (पैराथाइरॉयड), अंडगà¥à¤°à¤‚थि (टेसà¥à¤Ÿà¥€à¤œ), डिंबगà¥à¤°à¤‚थि (ओवैरी), पिनियल, लैंगरहैंस की दà¥à¤µà¥€à¤ªà¤¿à¤•ाà¤à¤ और थाइमस।
पीयूषिका
मनà¥à¤·à¥à¤¯ के शरीर में यह à¤à¤• मटर के समान गà¥à¤°à¤‚थि मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• के अगà¥à¤° à¤à¤¾à¤— के नल से à¤à¤• वृंत (डंठल) सरीखे à¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लगी और नीचे को लटकती रहती है। इसमें तीन à¤à¤¾à¤— हैं- अगà¥à¤°à¤¿à¤®, मधà¥à¤¯ और पशà¥à¤š खंडिकाà¤à¤ (लोब)। अगà¥à¤°à¤¿à¤® खंडिका में बनने वाले हारमोनों के नाम ये हैं:
(1) बीज-पà¥à¤Ÿà¤•-उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• (à¤à¤«.à¤à¤¸.à¤à¤¸.),
(2) लà¥à¤¯à¥‚टीनाकरक (à¤à¤².à¤à¤¸.),
(3) अधिवृकà¥à¤•-पà¥à¤°à¤¾à¤‚तसà¥à¤¥à¤¾-पोषक (à¤.सी.टी.à¤à¤š.),
(4) अवटà¥à¤•ापोषक (टी.à¤à¤š.),
(5) वरà¥à¤§à¤• (शोथ हारमोन)।
मधà¥à¤¯à¤–ंडिका मधà¥à¤¯à¤¨à¥€ (इंटर मिडिल) हारमोन बनाती है। पशà¥à¤šà¤–ंडिका पिटà¥à¤¯à¥‚टरीन हारमोन बनाती है। इसमें दो हारमोन होते हैं। à¤à¤• गरà¥à¤à¤¾à¤¶à¤¯ का संकोच बढ़ाता है और दूसरे से रकà¥à¤¤à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤ संकà¥à¤šà¤¿à¤¤ होती हैं। यदि इस गà¥à¤°à¤‚थि की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ बढ़ जाती है तो पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ अंगों की अतà¥à¤¯à¤‚त वृदà¥à¤§à¤¿ होती है और यदि शरीर का वृदà¥à¤§à¤¿à¤•ाल समापà¥à¤¤ नहीं हो चà¥à¤•ा रहता है तो दीरà¥à¤˜à¤•ायता उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो जाती है जिसमें शरीर की अतिवृदà¥à¤§à¤¿ होती है। परंतॠयदि वृदà¥à¤§à¤¿à¤•ाल समापà¥à¤¤ हो चà¥à¤•ा रहता है यो पीयूषिका की अतिशय कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ का परिणाम à¤à¤•à¥à¤°à¥‹à¤®à¥‡à¤—ैली नामक दशा होती है, जिसमें मà¥à¤– अà¤à¤—à¥à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, कंठआदि में सूजन आ जाती है।
अगà¥à¤°à¤¿à¤® खंडिका के अरà¥à¤¬à¥à¤¦ (टà¥à¤¯à¥‚मर) से कशिंग का रोग उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होता है। पीयूषिका के कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¹à¥à¤°à¤¾à¤¸ से मैथà¥à¤¨à¥€ असमरà¥à¤¥à¤¤à¤¾, शिशà¥à¤¤à¤¾ (इनफैंटाइलिजà¥à¤®), शरीर में वसा की अतिवृदà¥à¤§à¤¿ तथा मूतà¥à¤°à¤¬à¤¾à¤¹à¥à¤²à¥à¤¯, ये सब दशाà¤à¤ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती हैं। पूरà¥à¤µ खंडिका की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के अतà¥à¤¯à¤‚त हà¥à¤°à¤¾à¤¸ से रोगी कृश हो जाता है और मैथà¥à¤¨ शकà¥à¤¤à¤¿ नषà¥à¤Ÿ है जाती है। इसे साइमंड का रोग कहते हो
अधिवृकà¥à¤• (à¤à¤¡à¥à¤°à¤¿à¤¨à¤²à¥à¤¸
ये दो तà¥à¤°à¤¿à¤•ोणाकार गà¥à¤°à¤‚थियाठहैं जो उदर के à¤à¥€à¤¤à¤° दाहिनी ओर या बाà¤à¤ वृकà¥à¤• के ऊपरी गोल सिरे पर मà¥à¤°à¥à¤—े के कलगी की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¿à¤° रहती हैं। गà¥à¤°à¤‚थि में दो à¤à¤¾à¤— होते हैं, à¤à¤• बाहर का à¤à¤¾à¤—, जो बहिसà¥à¤¥à¤¾ (कॉरà¥à¤Ÿà¥‡à¤•à¥à¤¸) कहलाता है और दूसरा इसके à¤à¥€à¤¤à¤° का अंतसà¥à¤¥à¤¾ (मैडà¥à¤²à¤¾)। बहिसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¤¾à¤— जीवन के लिठअतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है। लगà¤à¤— दो दरà¥à¤œà¤¨ रासायनिक पदारà¥à¤¥ (रवेदार सà¥à¤Ÿà¤¿à¤…राइड), इस à¤à¤¾à¤— से पृथकॠकिठजा चà¥à¤•े हैं। उनमें से कà¥à¤› ही शारीरिक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं से संबदà¥à¤§ पाठगठहैं। बहिसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¤¾à¤— का विदà¥à¤¯à¥à¤¦à¥à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤²à¥‡à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ (इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¾à¤‡à¤Ÿà¥à¤¸) के चयापचय और कारबोहाइडà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ के चयापचय से घनिषà¥à¤ संबंध है। वृकà¥à¤•ों की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾, शारीरिक वृदà¥à¤§à¤¿, सहन शकà¥à¤¤à¤¿, रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª और पेशियों का संकोच, ये सब बहà¥à¤¤ कà¥à¤› बहिसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¤¾à¤— पर निरà¥à¤à¤° हैं। इस à¤à¤¾à¤— में जो हारमोन बनते हैं उनमें कारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸à¥‹à¤¨, हाइडà¥à¤°à¥‹à¤•ारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸à¥‹à¤¨, पà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤¨à¥€à¤¸à¥‹à¤¨ और पà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤¨à¥€à¤¸à¥‹à¤²à¥‹à¤¨ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— चिकितà¥à¤¸à¤¾ में बहà¥à¤¤ किया जाता है। बहà¥à¤¤ से रोगों में उनका अदà¥à¤à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पाया गया है और रोगियों की जीवनरकà¥à¤·à¤¾ हà¥à¤ˆ है। विशेष बात यह है कि ये हारमोन अंतःसà¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ गà¥à¤°à¤‚थियों के रोगों के अतिरिकà¥à¤¤ कई अनà¥à¤¯ रोगों में à¤à¥€ अतà¥à¤¯à¤‚त उपयोगी पाठगठहैं। कहा जाता है कि यदि कà¥à¤·à¤¯à¤œà¤¨à¥à¤¯ मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤•वरणारà¥à¤¤à¤¿ (टà¥à¤¯à¥‚बरà¥à¤•à¥à¤¯à¥à¤²à¤° मेनिनà¥à¤œà¤¾à¤‡à¤Ÿà¤¿à¤¸) की चिकितà¥à¤¸à¤¾ में अनà¥à¤¯ औषधियों के साथ कारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸à¥‹à¤¨ का à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाठतो लाठया रोगमà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ है।
मधà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¤¾à¤— जीवन के लिठअनिवारà¥à¤¯ नहीं है। उसमें à¤à¤¡à¥à¤°à¤¿à¤¨à¥ˆà¤²à¤¿à¤¨ तथा नौर à¤à¤¡à¥à¤°à¤¿à¤¨à¥ˆà¤²à¤¿à¤¨ नामक हारमोन बनते हैं।
बहिसà¥à¤¥à¤¾ की अतिकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¤à¥à¤µ के से लकà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤—ट हो जाते हैं। उसकी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के हà¥à¤°à¤¾à¤¸ का परिणाम à¤à¤¡à¤¿à¤¸à¤¨ का रोग होता है जिसमें रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¬ का कम हो जाना, दà¥à¤°à¥à¤¬à¤²à¤¤à¤¾, दसà¥à¤¤ आना और तà¥à¤µà¤šà¤¾ में रंग के कणों का à¤à¤•तà¥à¤° होना विशेष लकà¥à¤·à¤£ होते हैं।
अवटà¥à¤•ा गà¥à¤°à¤‚थि (थाइरॉयड
यह गà¥à¤°à¤‚थि गले में शà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾à¤² पर टैटà¥à¤µà¥‡ से नीचे घोड़े की काठी के समान सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। इसके दोनों खंड नाल के दोनों और रहते हैं और बीच का, उन दोनों को जोड़नेवाला, à¤à¤¾à¤— नाल के सामने रहता है। इस गà¥à¤°à¤‚थि में थाइराà¤à¤•à¥à¤¸à¥€à¤¨ नामक हारमोन बनता है। इसको पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—शालाओं में à¤à¥€ तैयार किया गया है। इसका सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ पीयूषिका के अवटà¥à¤•ापोषक हारमोन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ रहता है। यह वसà¥à¤¤à¥ मौलिक चयापचय गति (बेसल मेटाबोलिक रेट, बी.à¤à¤®.आर.), नाड़ीगति तथा रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¬ को बढाती है। इस गà¥à¤°à¤¥à¤¿à¤‚ की अतिकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से मौलिक चयापचय गति तथा नाड़ी की गति बढ जाती है। हà¥à¤°à¤¦à¤¯ की धड़कन à¤à¥€ बढ़ जाती है। नेतà¥à¤° बाहर निकलते हà¥à¤ से दिखाई पडते हैं। गà¥à¤°à¤¥à¤¿à¤‚ में रकà¥à¤¤ का संचार अधिक हो जाता है। गà¥à¤°à¤‚थि की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के कम होने से बालकों में वामनता (कà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤¨à¤¿à¤œà¥à¤®) की और अधिक आयà¥à¤µà¤¾à¤²à¥‹à¤‚ में मिकà¥à¤¸à¥‹à¤¡à¥€à¤®à¤¾ की दशा उतà¥à¤ªà¤¨ हो जाती है। वामनता में शरीर की वृदà¥à¤§à¤¿ नहीं होती। 15-20 वरà¥à¤· का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सात आठवरà¥à¤· का सा दिखाई पड़ता है। बà¥à¤¦à¤¿à¤§ का विकास à¤à¥€ नहीं होता। पेट आगे को बढा हà¥à¤†, मà¥à¤– खà¥à¤²à¤¾ हà¥à¤† और उससे राल चूती हà¥à¤ˆ तथा बà¥à¤¦à¤¿à¤§ मंद रहती है। मिकà¥à¤¸à¥‹à¤¡à¥€à¤®à¤¾ में हाथ तथा मà¥à¤– पर वसा (चरà¥à¤¬à¥€ à¤à¤•तà¥à¤° हो जाती है, आकृति à¤à¤¾à¤°à¥€ या मोटी दिखाई देती है। गà¥à¤°à¤‚थि के सतà¥à¤µ (à¤à¤•à¥à¤¸à¤Ÿà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ) खिलाने से ये दशाà¤à¤ दूर हो जाती हैं।
उपावटà¥à¤•ा (पैराथाइराà¤à¤¯à¤¡
ये चार छोटी-छोटी गà¥à¤°à¤‚थियाठहोती हैं। अवटà¥à¤•ा गà¥à¤°à¤‚थि के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• खंड के पृषà¥à¤ पर ऊपर और नीचे के धà¥à¤°à¥à¤µà¥‹à¤‚ के पास à¤à¤•-à¤à¤• गà¥à¤°à¤‚थि सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहती है और उससे उसका निकट संबंध रहता है। इन गà¥à¤°à¤‚थियों का हारमोन कैलà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤® के चयापचय का नियंतà¥à¤°à¤£ करता है। कैलà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤® के सà¥à¤µà¤¾à¤‚गीकरण के लिठयह हारमोन आवशà¥à¤¯à¤• है। इसकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से कैलà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤®, फासà¥à¤«à¥‡à¤Ÿ के रूप में, मूतà¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में निकलने लगता है जिससे असà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤ विकृत हो जाती हैं और औसà¥à¤Ÿà¤¿à¤†à¤‡à¤Ÿà¤¿à¤¸ फ़ाइबà¥à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ नामक रोग हो जाता है। इसकी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ कम होने पर टेटैनी रोग होता है।
पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ गà¥à¤°à¤‚थियाà¤
पà¥à¤°à¤œà¤¨à¤¨ गà¥à¤°à¤‚थियाठदो हैं, अंडगà¥à¤°à¤‚थि (टेसà¥à¤Ÿà¥€à¤œà¤¼) और डिंबगà¥à¤°à¤‚थि (ओवैरी)। पहली गà¥à¤°à¤‚थि पà¥à¤°à¥à¤· में होती है और दूसरी सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ में।
अंडगà¥à¤°à¤‚थि
अंडकोष में दोनों ओर à¤à¤•-à¤à¤• गà¥à¤°à¤‚थि होती है। इस गà¥à¤°à¤‚थि की मà¥à¤–à¥à¤¯ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤£à¥ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना है जिससे संतानोतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ हो और वंश की रकà¥à¤·à¤¾ हो। ये वीरà¥à¤¯ के साथ à¤à¤• वाहनी नलिका दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गà¥à¤°à¤‚थि से बाहर निकलकर और सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के डिंब से मिलकर गरà¥à¤à¥‹à¤¤à¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ करते हैं। इस गà¥à¤°à¤‚थि में à¤à¤• दूसरा अंतःसà¥à¤°à¤¾à¤µ बनता है जो टेसà¥à¤Ÿà¥‰à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‹à¤¨ कहलाता है। यह सà¥à¤°à¤¾à¤µ सीधा शरीर में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाता है, बाहर नहीं आता। यह शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤£à¥à¤“ं की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ के लिठआवशà¥à¤¯à¤• है। पà¥à¤°à¥à¤· में पà¥à¤°à¥à¤·à¤¤à¥à¤µ के लकà¥à¤·à¤£ यही उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करता है। पà¥à¤°à¥à¤· की जननेंदà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की वृदà¥à¤§à¤¿ इसी पर निरà¥à¤à¤° रहती है। पीयूषिका के अगà¥à¤°à¤–ंड में का सà¥à¤°à¤¾à¤µ इस हारमोन की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ को बढ़ाता है
डिंबगà¥à¤°à¤‚थि
डिंबगà¥à¤°à¤‚थियाठसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के उदर के निचले à¤à¤¾à¤— में, जिसे शà¥à¤°à¥‹à¤£à¤¿ कहते हैं, होती हैं। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• ओर à¤à¤• गà¥à¤°à¤‚थि होती है। इनका मà¥à¤–à¥à¤¯ कारà¥à¤¯ डिंब उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करना है। डिंब और शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤£à¥ के संयोग से गरà¥à¤ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ होती है। इसमें से जो अंतःसà¥à¤°à¤¾à¤µ बनता है वह सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¤à¥à¤µ के लकà¥à¤·à¤£ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करता है। सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रजोधरà¥à¤® का à¤à¥€ यही कारण होता है। किंतॠयह कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ कालांतर से होती है; समय आने पर गà¥à¤°à¤‚थि तथा अनà¥à¤¯ जननेंदà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रूप में तथा उनकी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¥€ अंतर आ जाता है।
लैंगरहैंस की दà¥à¤µà¥€à¤ªà¤¿à¤•ाà¤à¤
अगà¥à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थि में कोशिकाओं के समूह कई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में पाठजाते हैं। इन समूहों का वरà¥à¤£à¤¨ सबसे पहले लैंगरहैंस ने किया था। इसी कारण ये समूह लैंगरहैंस की दà¥à¤µà¥€à¤ªà¤¿à¤•ाà¤à¤ कहलाते हैं। यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ इनकी कोशिकाà¤à¤ अगà¥à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थि में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होती हैं तो à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ गà¥à¤°à¤‚थि की कोशिकाओं से ये आकार तथा रचना में à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ होती हैं। इनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हारमोन इंसà¥à¤¯à¥‚लीन कहलाता है जो कारबोहाइडà¥à¤°à¥‡à¤ŸÂ के उपापचय का नियंतà¥à¤°à¤£ करता है। इस हारमोन की कमी से  (डायबिटीज) हो जाता है। अगà¥à¤¨à¤¾à¤¶à¥à¤¯ में तीन पà¥à¤°à¤•ार की कोशिकाà¤à¤‚ पायी जाती हैं-
- (१) अलà¥à¤«à¤¾ कोशिकाà¤à¤‚– इन कोशिकाओं से गलà¥à¤•ेगोन हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ सà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£ होता है जो गà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¤•ोजन को गलà¥à¤•ोज में बदलती हैं। इस होरà¥à¤®à¥‹à¤¨ की अधिकता से शरीर में गà¥à¤²à¥à¤•ोज का सà¥à¤¤à¤° बढ जाता है।
- (२) बीटा कोशिकाà¤à¤‚– इन कोशिकाओं से इंसà¥à¤²à¥€à¤¨ होरà¥à¤®à¥‹à¤¨ का सà¥à¤°à¤¾à¤µ होता है। इसका पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कारà¥à¤¯ गà¥à¤²à¥à¤•ोज को गà¥à¤²à¤¾à¤ˆà¤•ोजन में बदलना है। इंसà¥à¤²à¤¿à¤¨ की कमी से शरीर में शरà¥à¤•रा का सà¥à¤¤à¤° बढ जाता है जिसे मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ कहते हैं। इसकी अधिकता से शरीर में शरà¥à¤•रा की मातà¥à¤°à¤¾ घट जाती है à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में शरà¥à¤•रा का सेवन कराया जाता है।
- (३) गामा कोशिकाà¤à¤‚ – इनसे सोमेटोटà¥à¤°à¥‹à¤ªà¤¿à¤• हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ का सà¥à¤°à¤¾à¤µ होता है। अगà¥à¤¨à¤¾à¤¶à¥à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थि से पेपà¥à¤Ÿà¥€à¤¨ à¤à¤‚जाईम का सà¥à¤°à¤¾à¤µ à¤à¥€ होता है जो कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤ˆà¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ के उपापचय का नियंतà¥à¤°à¤£ करता है। अतः अगà¥à¤¨à¤¾à¤¶à¥à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थि को अनà¥à¤¤à¤ƒà¤¸à¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ व बहिसà¥à¤°à¤¾à¤µà¥€ गà¥à¤°à¤¥à¤¿ à¤à¥€ कहते हैं।
इसी पà¥à¤°à¤•ार अंड तथा अगà¥à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¯ और कà¥à¤› अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤‚थियों में à¤à¥€ अंतः तथा बहिः दोनों पà¥à¤°à¤•ार के सà¥à¤°à¤¾à¤µ बनते हैं।
थाइमस
यह गà¥à¤°à¤‚थि वकà¥à¤· के अगà¥à¤° अंतराल में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। यà¥à¤µà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठतक यह गà¥à¤°à¤‚थि बढ़ती रहती है। उसके पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ इसका हà¥à¤°à¤¾à¤¸ होने लगता है। इस गà¥à¤°à¤‚थि की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ अà¤à¥€ तक नहीं जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो सकी है।
गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿ का नाम
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हारà¥à¤®à¥‹à¤¨à¥à¤¸ का नाम
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कारà¥à¤¯
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पिटà¥à¤¯à¥‚टरी गà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड या पियूष गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿
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सोमैटोटà¥à¤°à¥‰à¤ªà¤¿à¤• हारà¥à¤®à¥‹à¤¨
थाइरोटà¥à¤°à¥‰à¤ªà¤¿à¤• हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ à¤à¤¡à¤¿à¤¨à¥‹à¤•ारà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ो टà¥à¤°à¥‰à¤ªà¤¿à¤• हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ फॉलिकल उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ लà¥à¤¯à¥‚टिनाइजिंग हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ à¤à¤£à¥à¤¡à¥€à¤¡à¥à¤¯à¥‚रेटिक हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ |
कोशिकाओं की वृदà¥à¤§à¤¿ का नियंतà¥à¤°à¤£ करता है।
थायराइड गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿ के सà¥à¤°à¤¾à¤µ का नियंतà¥à¤°à¤£ करता है। à¤à¤¡à¥à¤°à¥€à¤¨à¤² गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿ के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¸à¥à¤¥ à¤à¤¾à¤— के सà¥à¤°à¤¾à¤µ का नियंतà¥à¤°à¤£ करता है। नर के वृषण में शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤£à¥ जनन à¤à¤µà¤‚ मादा के अणà¥à¤¡à¤¾à¤¶à¤¯ में फॉलिकल की वृदà¥à¤§à¤¿ का नियंतà¥à¤°à¤£ करता है। कॉरà¥à¤ªà¤¸ लà¥à¤¯à¥‚टियम का निरà¥à¤®à¤¾à¤£, वृषण से à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤¨ à¤à¤µà¤‚ अणà¥à¤¡à¤¾à¤¶à¤¯ से पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤œà¤¨ के सà¥à¤°à¤¾à¤µ हेतॠअंतराल कोशिकाओं का उदà¥à¤¦à¥€à¤ªà¤¨ शरीर में जल संतà¥à¤²à¤¨ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ वृकà¥à¤• दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मूतà¥à¤° की मातà¥à¤°à¤¾ का नियंतà¥à¤°à¤£ करता है। |
थायराइड गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿
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थाइरॉकà¥à¤¸à¤¿à¤¨ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨
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वृदà¥à¤§à¤¿ तथा उपापचय की गति को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है।
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पैराथायरायड गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿
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पैराथायरड हारà¥à¤®à¥‹à¤¨
कैलà¥à¤¶à¤¿à¤Ÿà¥‹à¤¨à¤¿à¤¨ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ |
रकà¥à¤¤ में कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® की कमी होने से यह सà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होता है। यह शरीर में कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® फासà¥à¤«à¥‹à¤°à¤¸ की आपूरà¥à¤¤à¤¿ को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है।
रकà¥à¤¤ में कैलà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤® अधिक होने से यह मà¥à¤•à¥à¤¤ होता है। |
à¤à¤¡à¥à¤°à¤¿à¤¨à¤² गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿
·         कॉरà¥à¤Ÿà¥‡à¤•à¥à¤¸ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿
·         मेडà¥à¤²à¤¾ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿
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गà¥à¤²à¥‚कोरà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥à¤µà¤¾à¤¯à¤¡ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨
मिनरलोकोरà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥à¤µà¤¾à¤¯à¤¡à¥à¤¸ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ à¤à¤ªà¥€à¤¨à¥‡à¤«à¥à¤°à¥€à¤¨ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ नोरà¤à¤ªà¥€à¤¨à¥‡à¤«à¥à¤°à¥€à¤¨ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ |
कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ, पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ à¤à¤µà¤‚ वसा उपापचय का नियंतà¥à¤°à¤£ करता है।
वृकà¥à¤• नलिकाओं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लवण का पà¥à¤¨: अवशोषण à¤à¤µà¤‚ शरीर में जल संतà¥à¤²à¤¨ करता है। बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° को कंटà¥à¤°à¥‹à¤² करता है। बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° को कंटà¥à¤°à¥‹à¤² करता है। |
अगà¥à¤¨à¤¾à¤¶à¤¯ की लैगरहेंस की
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इंसà¥à¤²à¤¿à¤¨ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨
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रकà¥à¤¤ में शà¥à¤—र की मातà¥à¤°à¤¾ को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है।
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दà¥à¤µà¤¿à¤ªà¤¿à¤•ा गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿
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गà¥à¤²à¥‚कागॉन हारà¥à¤®à¥‹à¤¨
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रकà¥à¤¤ में शà¥à¤—र की मातà¥à¤°à¤¾ को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है।
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अणà¥à¤¡à¤¾à¤¶à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿
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à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤¨ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨
पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‰à¤¨ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ रिलैकà¥à¤¸à¤¿à¤¨ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨ |
मादा अंग में परिवदà¥à¤°à¥à¤§à¤¨ को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है।
सà¥à¤¤à¤¨ वृदà¥à¤§à¤¿, गरà¥à¤à¤¾à¤¶à¤¯ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¸à¤µ में होने वाले परिवरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है। पà¥à¤°à¤¸à¤µ के समय होने वाले परिवरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है। |
वृषण गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¤¿
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टेसà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‰à¤¨ हारà¥à¤®à¥‹à¤¨
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नर अंग में परिवदà¥à¤°à¥à¤§à¤¨ à¤à¤µà¤‚ यौन आचरण को नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ करता है।
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